महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव की धूम
प्रतियोगिता के दौरान 15 गोविंदा घायल
मराठी बहुल इलाके भक्तिमय माहौल
मुंबई समेत महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में मंगलवार को भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दही हांडी उत्सव मनाया जा रहा है. त्योहार के दौरान ‘गोविंदा’ या दही हांडी प्रतिभागी ऊंचाई पर लटकी ‘दही हांडी’ को तोड़ने के लिए एक के ऊपर एक चढ़कर मानव पिरामिड बनाते हैं. मुंबई में दही हांडी उत्सव के दौरान 15 गोविंदा घायल हो गए हैं.
मान्यता के अनुसार, बचपन में भगवान कृष्ण को दही और मक्खन बहुत पसंद था. इसलिए भक्त कृष्ण जन्माष्टमी के बाद दही हांडी के माध्यम से उनके बचपन के दिनों को फिर से ताजा करते हैं. शहर भर में कई आवासीय सोसायटियों, सड़कों, चौराहों और सार्वजनिक मैदानों पर फूलों से सजी दही हांडी को जमीन से कई फुट ऊंचाई पर लटकाया गया.
रंग-बिरंगे परिधान पहने गोविंदा ट्रकों, टेंपो, बसों और दोपहिया वाहनों में सवार होकर दही हांडी तोड़ने के लिए महानगर के विभिन्न हिस्सों में घूमते नजर आए. पिछले कुछ सालों में मुंबई और उसके महानगरीय क्षेत्र ठाणे, कल्याण, नवी मुंबई और पनवेल में राजनेताओं द्वारा समर्थित कुछ दही हांडी कार्यक्रम, भारी पुरस्कार राशि, मशहूर हस्तियों की मौजूदगी और वहां आयोजित मनोरंजन कार्यक्रमों के कारण प्रसिद्ध हो गए हैं. इन कार्यक्रमों में भारी भीड़ उमड़ती है और लगातार गोविंदाओं का आगमन भी रहता है.
विशेष तौर पर मुंबई के मराठी बहुल इलाके परेल, लालबाग, वर्ली, दादर, भांडुप, मुलुंड, गोरेगांव और अंधेरी समेत शहर के हर नुक्कड़ और कोने में पारंपरिक ढोल की थाप और लोकप्रिय फिल्मी गीतों की धुनें उत्सव के उत्साह को बनाए हुए हैं.
नागपूर शहर में विविध स्थानों पर आयोजित दही हांडी कार्यक्रम हुए। नागपूर मे अवस्थीनगर, कमाल चौक, कोतवाली, शारदा चौक, महाल, मानेवाडा और श्री दत्त मंदिर बेलतरोड़ी में गोपाल काला एवं दही हांडी कार्यक्रम भक्तिमय माहौल में मनाया गया
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को दही हांडी उत्सव के लिए मुंबई में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 11 हजार से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है. सभी जोन के पुलिस उपायुक्त और क्षेत्रों के अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों के अलावा पुलिस थानों से कांस्टेबल और निरीक्षक स्तर के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी और उसे लागू करने के लिए मौके पर मौजूद रहेंगे.’’
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