पुलिस ने बताया ‘झूठ’, बंद की जांच
पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने किया था अपने ऊपर हमला
राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर बीते वर्ष विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हुआ हमला ‘फर्जी’ साबित हो गया। इस प्रकरण में ग्रामीण पुलिस ने न्यायालय में बी-फाइनल रिपोर्ट दायर कर दी है। पुलिस की जांच में यह साफ हो गया कि देशमुख पर कोई जानलेवा हमला हुआ ही नहीं था। फोरेंसिक जांच में सारे तथ्यों का पता लगाने के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची। पुलिस ने पिछले साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता अनिल देशमुख पर कथित तौर पर पत्थर से हमला करने के मामले की जांच बंद कर दी है। पुलिस ने कोर्ट में ‘बी सारांश’ रिपोर्ट दाखिल कर इसे झूठा मामला बताया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ज्ञात हो कि बीते वर्ष नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में देशमुख के बेटे सलिल देशमुख काटोल विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरे थे। 18 नवंबर 2024 को सलील के लिए प्रचार करने देशमुख खुद पारडसिंगा से एक सभा को संबोधित करने के बाद काटोल जा रहे थे। देशमुख के पीए उज्ज्वल भोयर द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार रात 8.15 बजे के दौरान बेलफाटा की टर्निंग पर घात लगाए बैठे 4 अज्ञात हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर पथराव किया।
देशमुख के निजी सहायक उज्ज्वल भोयर ने एनसीपी (एसपी) नेता पर पथराव का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. कथित घटना 18 नवंबर, 2024 को हुई थी, जब देशमुख नागपुर जिले के नरखेड़ गांव में एक चुनाव प्रचार सभा से काटोल लौट रहे थे.
पुलिस ने अनिल देशमुख पर हुई कथित पत्थरबाजी के मामले को फर्जी बताते हुए जांच बंद कर दी है और कोर्ट में ‘बी सारांश’ रिपोर्ट दाखिल की है। अब पुलिस ने शिकायतकर्ता पर झूठा मामला दर्ज कराने के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है।













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