सन् 2025 में कांग्रेस से जुड़े हुए मुझे पूरे 50 वर्ष हो गए हैं। 1974-75 में नागपुर के हिस्लोप कॉलेज में प्री-साइंस की पढ़ाई के दौरान मैंने राजनीति में कदम रखा। मेडिकल कॉलेज चौक पर निवास होने के कारण तत्कालीन सांसद डॉ. श्रीकांत जिचकर और उनके सहपाठियों से मिलने-जुलने का अवसर मिला। इसी दौरान कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी से जुड़ा, और आज 50 वर्षों का यह सफर पूरा हो चुका है।
कांग्रेस का चुनाव चिन्ह बैल जोड़ी से शुरू हुआ, फिर गाय-बछड़ा और अंततः पंजा के रूप में बदला। पार्टी में मेरी राजनीतिक यात्रा युवा कांग्रेस से प्रारंभ हुई, जहाँ मुझे नागपुर शहर युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष श्री रामराव वानखेडे, श्री विजय कडू और श्री प्रकाश समर्थ (पप्पू भैया) के साथ काम करने का अवसर मिला।
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राजनीतिक सफर:
- 1976 – चंदननगर युवा कांग्रेस वार्ड सचिव
- 1977 – वार्ड महासचिव
- तत्पश्चात नागपुर शहर युवा कांग्रेस की कार्यकारिणी में शामिल हुआ।
- शहर की मुख्य कांग्रेस इकाई में सचिव, महासचिव के रूप में कार्य किया।
- वर्तमान में नागपुर शहर कांग्रेस के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हूँ।
युवा कांग्रेस में रहते हुए मैंने कई सदस्य बनाए, जिनकी रसीदें और वार्ड कार्यकारिणी की स्वीकृति पत्र मेरे पास सुरक्षित हैं। संगठन में सक्रिय रहते हुए ब्लड डोनेशन कैंप, बैंक आंदोलन और अन्य सामाजिक शिविरों का आयोजन किया। चंद्रपुर जिले में आयोजित सोमनाथ शिविर में भी भाग लिया, जहाँ श्री संजय गांधी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
समाज और राजनीति में भूमिका:
समय के साथ राजनीति में बड़े बदलाव आए। पहले की तुलना में कांग्रेस संगठन में जोश और समर्पण की कमी दिखती है। कार्य करने वालों से अधिक अवसर केवल आगे-पीछे रहने वालों को मिलते हैं। इस बदलाव के चलते कई साथी, जिनके साथ मैंने काम किया, भाजपा और अन्य दलों में चले गए और बड़े नेता बने।
मैंने अपने साहू तेली समाज के लिए भी कार्य किया। पूर्व सांसद स्व. श्रीमती केशरकाकू क्षीरसागर (बीड) के साथ कांग्रेस और समाज सेवा में सक्रिय रहा। वर्षों की सेवा के बाद मुझे अपने समाज का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का अवसर मिला। मेरे पूर्ववर्ती अध्यक्ष श्री रामनारायण साहू (लखनऊ) राज्यसभा सांसद भी रहे। वर्तमान में, मेरी कार्यकारिणी में अनेक सांसद, विधायक, मंत्री और राजनीतिक बोर्ड के सदस्य हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश उनमें से अधिकतर भाजपा से जुड़े हैं। यह हमारी शोकांतिका है कि कांग्रेस ने कभी समाज को बढ़ावा नहीं दिया।
आज कांग्रेस को नई ऊर्जा देने के लिए दिल्ली में बैठे वरिष्ठ नेताओं को सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। पुराने, अनुभवी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़कर कांग्रेस को पुनः मजबूती प्रदान करनी होगी।
कांग्रेस के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ,
उमेश शाहू
(पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस के प्रति समर्पित)
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नागपुर
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